Wed , Feb 14 2024
माँ सरस्वती वरदान दे,
मुझको नवल उत्थान दे ।
नव लय, ताल- छंद नव,
नव पर नव स्वर दे।
हम मानवता का त्रास हरे हम,
सीता सावित्री, दुर्गा माँ,
फिर घर- घर भर दे।
काट अंध- उर के बंधन स्तर,
तम हर प्रकाश भर,
जग मग जग कर दे।
साहस शील हृदय में भर,
जीवन त्याग तपोमय कर दे।
हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी,
हे वीणा वादिनी,
तुम्हें नमन,
सबका तन- मन पावन कर दे।
ज्ञान की गंगा नित बहे,
ये वरदान दो माँ,
तेरी शरण में आ गये माँ,
अब मुझे तार दे।
@lifedb_official
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