Sat , Oct 14 2023
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वो शख़्स कि मैं जिस से मोहब्बत नहीं करता
हँसता है मुझे देख के नफ़रत नहीं करता
पकड़ा ही गया हूँ तो मुझे दार पे खींचो
सच्चा हूँ मगर अपनी वकालत नहीं करता
क्यूँ बख़्श दिया मुझ से गुनहगार को मौला
मुंसिफ़ तो किसी से भी रिआ'यत नहीं करता
घर वालों को ग़फ़लत पे सभी कोस रहे हैं
चोरों को मगर कोई मलामत नहीं करता
किस क़ौम के दिल में नहीं जज़्बात-ए-बराहीम
किस मुल्क पे नमरूद हुकूमत नहीं करता
देते हैं उजाले मिरे सज्दों की गवाही
मैं छुप के अँधेरे में इबादत नहीं करता
भूला नहीं मैं आज भी आदाब-ए-जवानी
मैं आज भी औरों को नसीहत नहीं करता
इंसान ये समझें कि यहाँ दफ़्न ख़ुदा है
मैं ऐसे मज़ारों की ज़ियारत नहीं करता
दुनिया में 'क़तील' उस सा मुनाफ़िक़ नहीं कोई
जो ज़ुल्म तो सहता है बग़ावत नहीं करता
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I am an engineer with over 10 years of experience, passionate about using my knowledge and skills to make a difference in the world. By writing on LifeDB, I aim to share my thoughts, ideas, and insights to inspire positive change and contribute to society. I believe that even small ideas can create big impacts, and I am committed to giving back to the community in every way I can.
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