Thu , May 16 2024
कुछ करो तो निशान तो होगा
कुछ ना करो तो लगान फिर भी होगा
चलते रहने पर तो सवाल होगा ही
रुकें रहने पर भी नाकामयाबी का ख़ताब होगा
ताउम्र चलने रुकने का
जिंदगी की किताब में हिसाब तो होगा ही
कुछ करो या ना करो लिखी तो जाएगी
तुम करो तो तुम से ना ओरो से ही सही
पन्ने तो भरेंगे वक्त के साथ चलते-चलते
तू नहीं तो कोई ओर तेरा रचनाकार तो होगा |
Thank You!
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POET -> @Joshita Patel
np
17 May 24
nice..