Mon , Jun 23 2025
जिस इंसान से हम हर बार बात कर सकते हैं, उसे हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन जो थोड़ी दूरी बनाए रखता है, उसी की तरफ हम ज्यादा खिचते हैं।
क्यो?
क्योंकि इंसान का मन कमी और दूरी को आकर्षण समझ लेता है।
जो हर दिन फ्री होता है - उसे कोई सीरियस नहीं लेता जो हमेशा "हॉ" करता है - उसकी बात की वैल्यू नही बनती जो तुरंत सब दे देता है - उसकी चीज़ों में "मोल" नहीं लगता
कभी-कभी खुद को थोड़ा rare दिखाना ज़रूरी है।
एक लड़का जो हमेशा फोन उठा लेता था, जब ही मिलने बुलाओ आ जाता था, हर बार हां कह देता था, और हमेशा हर किसी के लिए हाजिर हो जाता था, लेकिन धीरे धीरे लोगो ने उसे हल्के में लेना शुरु कर दिया, मतलब कि उसकी वैल्यू नहीं रही क्योंकि वो "मुफ्त" था.
इंसान मुफत की चीज को हमेशा कमतर मान लेता है, इसलिए भावनाएं वहां लुटाओ जहां उनकी कदर हो रही हो, वरना रुक जाओ और न कहना शुरू कर दो।
हर वक्त खुद को available मत रखो थोड़ा रुककर जवाब दो, सब कुछ तुरत मत दो, कभी-कभी 'ना" कहना सीखो
ताकि लोग आपकी value कों समझें,ना कि आपको granted लें। हालांकि जो लोग आपको समझते है उनको इंतजार करवाना उचित नहीं है।
इसलिए समझदारी यही है कि जहां कदर न हो वहां से दूरी बनाओ।
क्या कभी ऐसा हुआ कि तुमने किसी को सब कुछ दे दिया, लेकिन उसने तुम्हे हल्के में लेना शुरु कर दिया?
या जब तुम थोड़ा हटे, तो लोगों ने तुम्हारी कद्र करना शुरू किया?
कॉमेंट में अपनी कहानी लिखो, क्योंकि इससे औरों को भी समझ आएगा
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