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Laws Of Human Nature ( मानव स्वभाव के नियम ) - 01

Ajay Patel

Mon , Jun 09 2025

Ajay Patel

मानव स्वभाव के नियम 01 

दूसरों को समझने से पहले अपने मन को समझो

भावनाएं कैसे गुलाम बनाती है

हम सोचते हैं कि हम दिमाग से सोचते हैं, पर ज़्यादातर हमारी भावनाएं, हमारी सोच से पहले फैसला कर चुकी होती है। )

गुस्से में छोड़ी नौकरी,

डर में तोड़ा रिश्ता,

ये सब भावनाओं की गुलामी के उदाहरण हैं। 

भावनाओं को पहचानो

"जो अपनी भावनाओं को नहीं समझता, वो दूसरों के इशारे पर नाचता हे।" खुद को एक कदम पीछे खींचो। Observe करो कि तुम्हारे रिएकशन सच्चे है या तात्कालिक। 

उदाहरण

अब्राहम लिकन जब किसी पर गुस्सा होते तो एक कड़वी चिट्ठी लिखते और फिर उसे भेजने के बजाय जला देते।

' उन्होंने सीखा थाः "गुस्सा दिखाना बहादुरी नहीं, गुस्से पर नियंत्रण समझदारी है।" 

खुद को कैसे ट्रेन करें?

हर भावनात्मक रिएक्शन से पहले:

1. 5 सेकंड रुकिए

2. गहरी सॉस लीजिए .

3. अपने आप से पूछिए: "क्या मैं सोच रहा हु या          बह रहा हू?" 

यही है भावनात्मक अनुशासन: Rule #1 की जड़। 

अगर ये नहीं किया तो?

अगर आप भावनाओं को कंट्रोल नहीं करते, तो कोई और करेगा। सोशल मीडिया, समाज, डर या लालच सब आपके मन को हाइजैक कर लेगे। 

 निष्कर्ष 

जो अपने मन को पढ़ना सीख गया, वो दूसरों के इरादे भी समझ लेता है।

Rule #1 सिखाता है, जो खुद पर शासन करता है, वही दुनिया पर भी कर सकता है। 

आपने कभी ऐसा कोई फैसला लिया जो सिर्फ भावनाओं में बहकर लिया गया हो? और आज उसका पछतावा है? तो कॉमेंट में शेयर कीजिए, शायद किसी और की ऑखें खुल जाएं। 







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