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Laws Of Human Nature ( मानव स्वभाव के नियम ) - 02

Ajay Patel

Wed , Jun 18 2025

Ajay Patel

मानव स्वभाव के नियम 02 

आत्ममुग्धता या अहंकार से बचे 

क्या आप भी ऐसा करते हैं ?

  1. ' किसी कीं बात बीच में काट देना '
  2. सामने वाला क्या कह रहा है, उसमें रुचि हीं न होना "
  3. हर बात का ध्यान खुद पर ले आना

ये सब धीरे-धीरे लोगों को आपसे दूर कर देता है और आपको अकेला छोड़ देता है। 

हर कोई अपनी कहानी लिए घूम रहा है

हर इंसान के अंदर कुछ चल रह होता है, लेकिन हमें सर्फ अपना दर्द दिखता है।

अगर हम थोड़ा रुककर दूसरों की भी सुन लें, तो बहुत कुछ बदल सकता है। 

एक असली किस्सा: नेल्सन मंडेला

27 साल जेल में बिताने के बाद जब नेल्सन मंडेला राष्ट्रपति बने तो उन्होंने अपने जेलर से बदला नहीं लिया। वो समझ चुके थे, हर इंसान डर, गलतफहमियों और तकलीफ से बना है। और किसी को समझना, सबसे बड़ा बदला होता है। 

"My personal opinion" कि  जब कोई बोले, तो ध्यान से सुनो उसकी जगह खुद को रखकर सोचो। तुरंत सलाह मत दो, पहले साथ दो और बिना जज किए समझो। लोग आपके शब्द या बाते याद नहीं रखते है, लोग याद रखते है कि आपने उन्हें कैसा फील करवाया था। 

नहीं सीखा तो क्या होगा?

X लोग आपसे बाते करना बंद कर देंगे

X रिश्ते ऊपर-ऊपर रहेंगे

X कोई भीं मन से आपके पास नहीं रहेगा 

और सबसे बुरा ये होगा कि आपको लगेगा कि कोई आपको समझता ही नहीं है, और अकेलापन महसूस करोगे। 

Rule का मतलब 

 ये नियम कहता है: दूसरों को समझो, पहले अपने बारे में मत बोलो।

ये मत सोचो कि हमेशा तुम सही हो, पहले सोचो कि वो क्या महसूस कर रहा है? जो दूसरों की सुनना सीखता है, वो रिशतों में मज़बूती, काम में ग्रोथ और दिलों में जगह पा जाता है। क्योंकि समझने वाला इंसान हमेशा याद रखा जाता है। 

कॉमेंट करके बताओ - क्या कभी किसी ने तुम्हारी बात बिना सुने राय देदी: या तुमने भी कभी किसी की बात सुने बिना उसे टाल दिया? आज से एक छोटी शुरुआत करो, पहले सुनो, फिर बोलो। 


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