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The 48 Laws of Power अब हिदी में | शक्ति के 48 नियम | part -10

Ajay Patel

Fri , May 23 2025

Ajay Patel

शक्ति का दसवां नियम

"संक्रमण और खतरे 
से बचने के लिए अपने 

आसपास के लोगों को ध्यान से चुनो"

शक्ति का ये नियम सिखाता है कैसे किसी की मदद करना भी आपकी मुशकिलें बढ़ा सकता है 

भूमिका

दुनिया में हर इंसान दो चीज़ें फैलाता है या तो प्रेरणा या फिर नकारात्मकता। अगर आप ऐसे लोगों के आस-पास रहते हैं जो हर बात में दुख, डर, अफसोस और असफलता ही लाते हैं तो उनकी ये ऊर्जा आपको भी धीरे-धीरे बीमार बना देती है।

Rule #10 कहता है: 'बुरे भाग्य और नकारात्मक सोच रखने वालों से दूरी बनाओ क्योंकि नकारात्मकता भी संक्रमण की तरह फैलती है।" 


आसान भाषा में समझिए

"मेरे साथ ही सब गलत क्यों होता है?"

"तू नहीं कर पाएगा..

"दुनिया बहुत खराब "

तेरे बस का नहीं है.

"तू भी फेल हो जाएगा. 

अगर ये लाइनें आपको किसी दोस्त, रिश्तेदार या साथ काम करने वाले से बार-बार सुनाई देती हैं तो समझ लीजिए कि वो आपके जीवन का धीमा ज़हर बन चुके हैं। ऐसे लोगों से खुद को धीरे धीरे दूर कर लीजिए। 

व्यक्तिगत उदाहरण

1. करियर में:


अगर आप ऐसे को-वर्कर्स के साथ बैठे हैं जो हर चीज़ में सिर्फ समस्या ढूंते हैं तो आप भी अपने आइडिया पर शक करने लगते हैं।

2. रिशतों में:

अगर आपका कोई करीबी हर समय आपको डरा रहा है, या खुद को पीड़ित दिखा रहा है तो आपकी सोच, साहस और हिम्मत कमज़ोर होने लगती है। क्योंकि हमारी ऊर्जा ही हमारीं असली शक्ति है। उसे घटाने वाला कोई भी संबंध, हमें धीमा ज़हर ही देता है। 

इतिहास से उदाहरण

1. चाणक्य नीति में:

चाणक्य ने स्पष्ट रूप से कहा है "जो राजा अपनी सभा में दुर्बुध्दि या दुर्भाग्यशाली लोगों को रखता है, वो अपने राज्य को डुबों देता है।"

2. स्वामी विवेकानंदजी:

वे हमेशा ऊर्जावान, सकारात्मक, और समाधान-भरे लोगों की संगत में रहे। उन्होंने कहा था "नकारात्मक सोच वाले लोगों से दूर रहो वरना वो तुम्हारी सोच की धार को कुंद कर देंगे।" 

क्या ये नियम कठोर 
लगता है?

हो सकता है... लेकिन कभी-कभी संवेदनशील होने के चक्कर में हम ऐसे लोगों को पकड़कर बैठे रहते हैं जो हमें रोज़ थोड़ा-थोड़ा तोड़ रहे होते हैं। दयालु बनिए, लेकिन मूर्ख मत बनिए। आप किसी की मदद तभी कर सकते हैं, जब आप खुद मजबूत रहें। 

आत्मनिरीक्षण

क्या आपके आसपास ऐसे लोग हैं जो हर समय शिकायत और डर फैलाते हैं? क्या आपने कभी किसी को बचाने के चक्कर में खुद को अंदर से खो दिया? क्या आप अब भी किसी ऐसे व्यक्ति से चिपके हुए हैं जिसकी उपस्थिति से आप थक जाते हैं?

Rule # 10 कहता है - जो लगातार टूटते हैं, उहे सहारा मत दो, जब तक वो खुद उठने की कोशिश न करें, वरना वो तुम्हे भी तोड़ देंगे। 

Rule 11 चाहिए ? तो इस पोस्ट को 3 दोस्तों को भेजो और कमेंट करो: क्या आपने कभी किसी "नकारात्मक इंसान" से खुद को अलग किया है? या क्या आज का Rule #10 आपकी किसी सच्चाई से मेल खा रहा है?

कमेंट में ज़रूर लिखो: "Rule 11 चाहिए ।

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