Sun , Jun 08 2025
शक्ति के इस नियम के अनुसार जिसके पास विकल्प हैं, वही असली मालिक होता है।
जब आप किसी एक इंसान, संस्था या विचार के साथ पूरी तरह बंध जाते हैं, आप अपने फैसले की आज़ादी खो बैठते हैं। विकल्प न होना मजबूरी बनाता है और मजबूरी में लिया गया हर फैसला आपकी शक्ति को कम करता है। इसलिए, विकल्प रखना सिर्फ़ चालाकी नहीं बल्कि सुरक्षा है।
जो किसीं एक का होकर रह जाता है वह बाकी सभी की शक्ति खो देता है।
" रॉबर्ट ग्रीन कहते हैं- तब तक वांछनीय बने रहो, जब तक कोई यह न समझ पाए कि तुम किसके साथ हो। और यही भ्रम आपको सबसे मूल्यवान बनाता है।
तटस्थ राजा कृष्णदेव राय - उन्होंने हर शत्रु और सहयोगी के साथ मौके के अनुसार व्यवहार किया। कभी एक के प्रति पूरी वफादारी नहीं दिखाईं इसलिए उनकी सत्ता कई दशकों तक संतुलित रही।
रानी एलिजाबेथ प्रथम (ब्रिटेन) - उन्होने जीवन भर विवाह नहीं किया, जबकि सभी यूरोपीय शक्तियॉँ उन्हें अपने पक्ष में चाहती थीं।
नतीजा: वो किसी के अधीन नहीं रहीं और सब उनके निर्णयों के अधीन हो गए।
राजनीति में: कुछ क्षेत्रीय दल हर बार सत्ता बदलने पर भी ज़िंदा रहते क्योंकि वो कभी किसी एक पक्ष से पूरी तरह नहीं जुड़ते।
(उदाहरणः नवीन पटनायक, नीतीश कुमार)
बिज़नेस में: जो कर्मचारी या फ्रीलांसर सिर्फ एक क्लाइंट या बॉस पर निर्भर नहीं, वही सबसे सुरक्षित होता है।
रिश्तों में. आत्मनिर्भर व्यक्ति इमोशनली भी संतुलित रहता है। वो "भावनात्मक गुलामी" से बचा रहता है।
कभी भी खुद कों एक ही ताकत के अधीन न करें। हर समय विकल्प बनाए रखें - चाहे वो नौकरी के हों, संबंधों के हों या विचारों के। किसी को इतना न जताएँ कि "आप उसके बिना कुड नही 2 क्योंकि वही स़बसे बड़ी कमजोरी बन जाती है।
"जिसके पास विकल्प नहीं होते, उसके पास शक्ति नहीं होती।"
शक्ति का 20वां नियम कहता है: "फैसले अपने हाथ में रखो, विकल्पों से भरपूर रहो तभी तुम अपनी आज़ादी, सम्मान और नियंत्रण बनाए रख पाओगे।"
क्या कभी आपने खुद को किसी एक इंसान या संस्था के साथ इतना जोड़ लिया था कि आपके पास पीछे हटने का कोई विकल्प नहीं था? या आप हमेशा अपने विकल्प खुले रखते हैं?
I am a full time software developer but sometimes I like to write my travel blogs and some knowledgeable thoughts and contents. According to me, LifeDB is the best website to share anything.
Leave a Reply