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The 48 Laws of Power अब हिदी में | शक्ति के 48 नियम | part -19

Ajay Patel

Wed , Jun 04 2025

Ajay Patel

शक्ति का 19वां नियम

'जानिए कि आप 
किससे डील कर रहे 
हैं, गलत व्यक्ति को 
अपमानित न करें"

कुछ लोग भूल जाते हैं, लेकिन कुछ लोग इंतज़ार करते हैं बदले के लिए 

नियम क्यों ज़रूरी है?

क्योंकि हर इंसान की सहने कीं सीमा अलग होती है। कुछ लोग चोट सहकर चुप हो जाते हैं, और मौका देखकर आपको नीचे गिरा देते हैं। 

कई बार आपकी छोटी-सी बात, सामने वाले के लिए जिंदगी भर का घाव बन जाती है। और तब वह आपकी शक्ति नहीं, आपकी कमजोरी खोजता है। इसलिए शक्ति का असली खेल है, पहले सामने वाले को पहचानना। 

चेतावनी

संसार में कुछ लोग ऐसे होते है कि अगर आप उन्हें नाराज़ कर देते हो तो वो सालों तक बदला लेने की प्लानिंग करते है। ऐसे लोगों से बचकर रहो। गलत इंसान के अपमान का एक कदम आपको हमेशा के लिए बर्बाद कर सकता है।

मत भूालए अपमान कभी-कभी समय लेकर पलटता है। और तब आपको संभलने का भी वक्त नहीं मिलता। 

ऐतिहासिक उदाहरण

शिवाजी महाराज और औरंगज़ेब

औरंगज़ेब ने शिवाजी महाराज को दरबार में बुलाकर अपमानित किया और राजा के बजाय एक आम जागीरदार जैसा ट्रीट किया। लेकिन शिवाजी महाराज ने उस अपमान को अपनी ताकत बनाया। संगठित हुए, और वर्षों बाद वही शिवाजी महाराज एक बड़ा खतरा बन गए। औरंगज़ेब समझ नहीं पाया कि वह किससे डील कर रहा था ।

नतीजा? उसकी बादशाही का सबसे बड़ा झटका शिवाजी महाराज ही बने। 

अंतरराष्ट्रिय उदाहरण

लेनिन बनाम ज़ार रूस के ज़ार निकोलस द्वितीय ने क्रांतिकारी लेनिन को एक मामूली विचारक समझकर देश से निकाल दिया। पर लेनिन ने उस अपमान को भुलाया नहीं। सालों की योजना और जन समर्थन के बाद लेनिन ने पूरे साम्राज्य को खत्म कर दिया।

ज़ार की गलती? उसने ये नहीं जाना कि वह किससे डील कर रहा है। 

आज की दुनिया में यह नियम कैसे लागू होता है?

ऑफिस में.

जिसे आप आज डॉटते हैं, वो कल आपकी कंपनी में बॉस बन सकता है।

रिशतों मेंः

जिसे आप कमजोर समझते हैं, वही एक दिन आपकी सबसे बड़ी कमी उजागर कर सकता है।

सोशल मीडिया परः

जिसे आप ट्रोल करते हैं, वो कभी आपकी छवि को बर्बाद कर सकता है। 

व्यवहारिक शक्ति रणनीति

हर इंसान से पहले उसकी प्रवृति को समझें। (चुप है तो क्या सहनशील है... या इंतज़ार कर रहा है) किसी को भी सार्वजनिक रूप से अपमानित न करें। अगर विरोध ज़रूरी हो तो निजी और सम्मानजनक भाषा में रखे। कूटनीति सीखें क्योंकि बातों से भी युद्ध रोका जा सकता है। 

नियम का मर्म

गलत व्यक्ति से टकराना ऐसा है जैसे आप शेर को थप्पड़ मार कर जंगल में छोड़ दें। शक्ति सिर्फ दिखाने में नहीं, समझदारी से बात करने, रिश्तों को सँभालने और सही समय पर झुकने में भी होती है। 

क्या आपने कभी किसी गलत व्यक्ति को नाराज़ किया था और उसका असर बाद में भुगता? या ऐसा कोई है जिसे आपने हल्के में लिया और वो आज आपकी शक्ति पर सवाल उठा रहा है? 




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