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The 48 Laws of Power अब हिदी में | शक्ति के 48 नियम | part -12

Ajay Patel

Mon , May 26 2025

Ajay Patel

शक्ति का बारहवां नियम

"शिकार करने के लिए 
थोडी सी ईमानदारी और 
उदारता का इस्तमाल करे

जीत आसान हो जाती है अगर आप ये जान लो कब कितना सच बोलना है और कब कितनी उदारता दिखानी है। 

भुमिका

लोग तब कमजोर पड़ते हैं, जब उन्हें लगता है कि आप उनके अपने हो। थोड़ी ईमानदारी, थोड़ा अपनापन और सामने वाला अपनी रक्षा छोड़ देता है।

Rule #12 कहता है:

"चालाकी से थोड़ी सच्चाई और थोड़ी दरियादिली दिखाओ, ताकि सामने वाला खुद को सुराक्षित माने और फिर असली चाल खेलना आसान हो जाए।"

आसान है, अगर आप भरोसा जीतने की कला सीख जाओ। 

आसान शब्दों में समझो 

एक छोटा सा सच्चा कबूलनामा कर दो ताकि सामने वाला सोचे, "यह तो सच बोल रहा है।" एक छोटी सी उदारता दिखा दो ताकि सामने वाला आपके इरादों पर शक करना छोड़ दे। लेकिन ध्यान रहे, ईमानदारी का इस्तेमाल भी एक रणनीति होनी चाहिए, ना कि कमजोरी। आसान है, अगर आप जानो कब कितना खोलना है। 

व्याक्तगत उदाहरण 

1. बिजनेस में:

डील करते समय कुछ छोटी कमजोरियों को खुद ही सामने लाओ, ताकि सामने वाला आप पर भरोसा करे और बड़ी बातें बिना सवाल के मान जाए।

2. रिश्तों में.

अगर आप एक छोटी गलती खुद स्वीकार कर लेते हो, तो सामने वाला आपके बड़े इरादों पर भरोसा कर लेता है। 

इतिहास से उदाहरण 

1. चाणक्यः

शत्रु को भ्रमित करने के लिए कभी-कभी अपनी छोटी कमजोरियों को जानबाझकर दिखा देते थे, ताकि असली योजना छुपी रहे।

2. अब्राहम लिकन:

राजनीति में ईमानदारी का आभास देते हुए उन्होंने अपने विरोधियों को भी अपनी तरफ मोड़ा, और सही मौके पर बडे फैसले किए। 

3. इंदिरा गांधी: 

जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं, तो उनके अपने ही पार्टी के बड़े नेताओं ने उन्हें"गूंगी गुड़्या" (Dumb Dol) कहा था। उनसे उम्मीद थी कि वो बस दिखावे की मुखिया बनेंगी। लेकिन इंदिरा गांधी ने शुरु में चुप रहकर, सभी का भरोसा जीतकर, धीरे-धीरे सारा सत्ता नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। और जब वक्त आया, तो वो "iron Lady" बनकर उभरीं, जिसका सामना करना आसान नहीं था। 

यही Rule #12 का असली कमाल है, थोड़ी सच्चाई और थोड़ी चुपचाप रणनीति से पूरा खेल बदल देना।

ये नियम क्यों ज़रूरी है?

बिना भरोसे, कोई रिश्ता, कोई डील, कोई सत्ता नहीं टिकती। लोग उस पर भरोसा करते हैं, जो उन्हें सच्चा और मददगार दिखे। लेकिन असली समझदार वहीं है जो भरोसा जीतकर अपने असलीं मकसद पूरे करता है। याद रखो, भरोसा जीतना एक कला है, मासूम बनकर, लेकिन चालाकी से। 

इसे कैसे अपनाएं?

अपनी असली योजना को छुपाकर रखो। सामने वाले को छोटा-सा सच बताओ, ताकि वो सोच ले कि आप पूरी तरह खुले हुए हो। सही समय पर छोटी मदद करो, ताकि उसका दिल जीत लो। भरोसा जीतो, लेकिन कब, कितना और कैसे, ये सिर्फ रणनीति से तय करो। 

आत्मनिरीक्षण

क्या आप हर बार बिना सोचे सब सच बोल देते हो? क्या आपकी उदारता का फायदा कभी दूसरों ने उठाया है? अब से सोचो, कैसे थोड़ी सी ईमानदारी से बड़े भरोसे और बड़े फायदों का रास्ता बनाया जा सकता है। 

Rule #13 चाहिए? तो इस पोस्ट को 3 दोस्तों को भेजो और कमेंट करो: इस नियम ने आपको क्या नया सिखाया? क्या आपने कभी छोटी ईमानदारी से किसी का भरोसा जीतकर बड़ा काम आसान किया 

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