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आलस्य

Ajay Patel

Fri , Jun 16 2023

Ajay Patel

आलस किसी भी काम में देर करने या उसके करने से बचने, बेदिली से करने या अपर्याप्त ढंग से करने को कहा जाता है। एक आलसी व्यक्ति जीवन में सक्रिय नहीं होता और समय पर अपना काम नहीं करता। इस स्वभाव के लोग काम से बचने के बहाने ढूँढते हैं या फिर अपना काम दूसरों से करवाते हैं।

आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है क्योंकि आलस्य मनुष्य को कभी भी जीवन में उन्नति नहीं करने देता है आलस्य मनुष्य को इतना निकम्मा बना देता है कि उसे परिश्रम से घृणा हो जाती है और वह सदैव आराम की अवस्था में ही रहना चाहता है।

आलस्य आलसी मनुष्य को अत्यंत ही प्रिय लगता है क्योंकि आलस्य का असली रूप देखने के लिए परिश्रमी रूपी चश्मे की आवश्यकता होती है जो आलसी मनुष्य के पास नहीं होता है। आलसी मनुष्य को आलस्य दिन प्रतिदिन अपनी चपेट में लेता जाता है, जिसके फलस्वरूप वह दिन प्रतिदिन परिश्रम से दूर भागने लगता है।
आलस्य नामक शत्रु को समाप्त केवल परिश्रम नामक मित्र ही कर सकता है। इसके अलावा इसे समाप्त करने का अन्य कोई दूसरा मार्ग नहीं है। परिश्रम से मित्रता करने के पश्चात ये शत्रु अपने आप ही समाप्त हो जाता है। 

परिश्रम ही सफलता की कुंजी है, यह बात केवल परिश्रमी व्यक्ति ही समझ सकता है क्योंकि वह परिश्रम की अहमियत अच्छे से जानता है। उसे यह ज्ञात होता है कि परिश्रम ही उसका सच्चा मित्र है और इस मित्र की सहायता से वह अपने जीवन में सदैव उन्नति ही करेगा। 

यदि परिश्रमी व्यक्ति किसी कार्य को करने में असफल भी होता है तो वह उस कार्य को छोड़ने की बजाय पुनः अधिक परिश्रम के साथ प्रयास करता है और तब तक प्रयास करता रहता है, जब तक वह उस कार्य को करने में सफल ना हो जाए।

आलसी व्यक्ति को छोटे कार्य को करने के लिए भी दूसरे लोगों की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि वह आलस्य के जाल में इस तरह फंस चुका होता है कि उसे बस आराम की अवस्था चाहिए। वह आराम में किसी भी प्रकार का अवरोध नहीं चाहता है और अपने पूरे जीवन को इसी तरह व्यतीत करना चाहता है।

आलसी व्यक्ति कभी भी परिश्रम के महत्व को नहीं समझ सकता है और ना ही समय के महत्व को, इसके कारण वह अपना पूरा जीवन बर्बाद कर बैठता है और अंत में उसके पास पछताने के अलावा और कुछ नहीं रह जाता है जबकि परिश्रमी व्यक्ति समय के महत्व को समझता है और दिन प्रतिदिन परिश्रम करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करता रहता है इसलिए सदैव परिश्रम से मित्रता करें और आलस्य से शत्रुता।


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